
भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ जल्द करेगा बड़ा खुलासा, प्रशासनिक मिलीभगत पर उठाएंगे सवाल
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लाभांडी क्षेत्र में 5000 करोड़ से अधिक मूल्य की मलिक मकबूजा जमीनों पर कथित रूप से बड़े पैमाने पर कब्जा और अवैध निर्माण का मामला सामने आने वाला है। भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ ने घोषणा की है कि वह जल्द ही इन जमीनों से जुड़े सभी दस्तावेज, खसरा नंबर और अवैध अतिक्रमणकर्ताओं की सूची सार्वजनिक करेगा।
किसानों की जमीन पर बने मॉल और शोरूम
मलिक मकबूजा के तहत किसानों के हक में आरक्षित इन जमीनों पर आज बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, कारों के आलीशान शोरूम, होटल चेन और रसूखदारों की कॉलोनियां खड़ी हैं। संघ का आरोप है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इन जमीनों को औने-पौने दामों में बेच दिया गया और नियमों को ताक पर रखकर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट खड़े कर दिए गए।
जल्द होगा बड़ा खुलासा
संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिसमें प्रत्येक खसरा नंबर के साथ यह बताया जाएगा कि किसने किस प्रकार से जमीन पर कब्जा किया और किसकी संलिप्तता इसमें रही।
क्या है मलिक मकबूजा कानून?
मलिक मकबूजा अधिनियम के तहत उन जमीनों को शामिल किया जाता है जो ऐतिहासिक रूप से किसानों के अधिकार में होती हैं। यह कानून किसानों को उनकी जमीन पर स्वामित्व और उपयोग का अधिकार देता है, जिसे किसी भी परिस्थिति में निजी कंपनियों या रसूखदारों को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता।
प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत?
संघ ने आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर की। इस अवैध लेन-देन में शामिल अधिकारियों, बिल्डरों और रसूखदारों के नाम भी सार्वजनिक किए जाएंगे।
संघ की मांग
भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ ने मांग की है कि इन जमीनों की तत्काल जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और किसानों को उनका अधिकार लौटाया जाए। साथ ही, उन्होंने भूमि घोटाले में संलिप्त सभी परियोजनाओं पर रोक लगाने की भी मांग की है।
जल्द ही इस मामले में भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है।




