
रायपुर। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य मानक महोत्सव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है।” उन्होंने कहा कि मानकों का पालन केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और नवाचार के लिए आवश्यक नींव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समाज का हर नागरिक गुणवत्ता को अपना धर्म मानेगा, तभी भारत को सच्चे अर्थों में विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की सराहना करते हुए कहा कि बीआईएस का हॉलमार्क अब उपभोक्ता विश्वास का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि मानकों का पालन केवल उत्पादों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह हमारे कार्य-संस्कृति और सामाजिक व्यवहार में भी झलकना चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों को गुणवत्ता शपथ दिलाई और कहा कि “मानक केवल नियम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं।”
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बीआईएस, उद्योग विभाग और विभिन्न मानक क्लबों को सम्मानित किया। साथ ही बीआईएस और अन्य औद्योगिक संस्थानों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने BIS CARE App को उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया, जिससे अब उपभोक्ता अपने खरीदे गए उत्पाद की प्रमाणिकता आसानी से जांच सकते हैं।
कार्यक्रम में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि “जागो ग्राहक जागो” केवल एक नारा नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता और गुणवत्ता के प्रति सजगता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर उपभोक्ता सुरक्षित और प्रमाणिक उत्पादों का उपयोग करे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल सोनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष सराफा उद्योग के हित में एक प्रमुख मांग रखी। उन्होंने कहा कि “जैसे मध्यप्रदेश और राजस्थान में स्वर्णकला बोर्ड का गठन किया गया है, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी सुनारी कला, कारीगरों के प्रशिक्षण और उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए स्वर्णकला बोर्ड की स्थापना होनी चाहिए।”
कमल सोनी ने कहा कि “BSI सराफा व्यवस्था लागू होने से प्रदेश के सराफा व्यापार में पारदर्शिता और उपभोक्ता विश्वास दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।” उन्होंने बताया कि आज उपभोक्ता हॉलमार्क वाले आभूषणों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे व्यापार में ईमानदारी और भरोसे की नई नींव पड़ी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस प्रस्ताव को लोकहित से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने सराफा व्यापारियों को आश्वासन दिया कि सरकार इस विषय में सकारात्मक निर्णय लेगी और व्यापार से जुड़ी नीतियों को सरल, पारदर्शी और उद्योग हितैषी बनाया जाएगा।
कमल सोनी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ के समूचे सराफा व्यवसायियों की ओर से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में गुणवत्ता, पारदर्शिता और विश्वास पर आधारित व्यापारिक वातावरण निर्मित होगा, जिससे प्रदेश का सराफा उद्योग राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाएगा।”
कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें एनआईटी रायपुर के निदेशक एन. व्ही. रमन्ना राव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थोरानी, इस्पात प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक ए. के. चक्रवर्ती, कैट अध्यक्ष परमानंद जैन और स्टील रिरोलर्स संघ के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी प्रमुख रूप से शामिल थे।
बीआईएस के अधिकारियों ने बताया कि भारत मानक दिवस हर साल यह याद दिलाने का अवसर है कि गुणवत्ता किसी उत्पाद की आत्मा होती है। मानकों का पालन उद्योग, उपभोक्ता और शासन—तीनों के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम का समापन मुख्यमंत्री के इस संदेश के साथ हुआ—
“जब हर नागरिक गुणवत्ता को अपनी जिम्मेदारी मानेगा, तभी भारत आत्मनिर्भरता के उस पथ पर आगे बढ़ेगा, जहाँ हर उत्पाद, हर सेवा और हर नागरिक ‘विश्वसनीय भारत’ की पहचान बनेगा।” विश्व मानक दिवस का यह आयोजन न केवल गुणवत्ता और उपभोक्ता हितों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बना, बल्कि इसने सराफा उद्योग सहित समूचे औद्योगिक जगत के लिए नीतिगत सुधार और संस्थागत समर्थन की दिशा में एक नई उम्मीद भी जगाई।




