
जशपुर। जिले में लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों के लिए बदनाम साईंटांगरटोली ग्राम में जशपुर पुलिस के “ऑपरेशन शंखनाद” का असर दिखने लगा है। इसी अभियान के तहत कुख्यात गौ-तस्कर अमजद हजाम उर्फ बबलू (40) ने अपराध का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया और अपना नया व्यवसाय “बबलू शंख ढाबा” शुरू किया।
अमजद हजाम के खिलाफ थाना लोदाम में गौ-तस्करी के तीन मामले दर्ज थे। पिछले आठ माह से वह फरारी में था और अलग-अलग राज्यों में पुलिस से बचता रहा। पुलिस की सतत निगरानी और सटीक सूचना तंत्र के कारण उसे अंततः सरेंडर करना पड़ा। जेल से छूटने के बाद एसएसपी शशि मोहन सिंह ने उसे कार्यालय में बुलाकर अपराध छोड़कर सही राह अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि अपराध से न केवल भय और असुरक्षा मिलती है बल्कि परिवार का भविष्य भी प्रभावित होता है। इस वार्ता का गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव अमजद पर पड़ा और उसने समाज में वापस आने का वचन दिया।
अमजद ने छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा पर अपने नए ढाबे “बबलू शंख ढाबा” का उद्घाटन किया। 04 दिसंबर 2025 को एसएसपी शशि मोहन सिंह स्वयं उद्घाटन स्थल पर पहुंचे और ढाबे से चाय पीकर इसकी कीमत अदा की। इस अवसर पर स्थानीय ग्रामीण, व्यापारी, पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने अमजद के सकारात्मक निर्णय का स्वागत किया और उसके नए जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
उद्घाटन के दौरान एसएसपी ने उपस्थित ग्रामीणों और युवाओं से कहा कि अपराध कोई विकल्प नहीं है। एक अपराधी अपने परिवार और समाज को नुकसान पहुँचाता है। यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से अपराध छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहता है, तो जशपुर पुलिस उसका हर संभव सहयोग करेगी। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सही मार्ग पर चलें और समाज और पुलिस मिलकर उन्हें सही दिशा दे सकते हैं।
जशपुर पुलिस की इस पहल को समाज पुनर्वास मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि अपराध की जड़ें काटकर लोगों को सुधार और नई शुरुआत का अवसर देना भी है। अमजद हजाम ने कहा, “अब मैं अपराध से हमेशा के लिए दूर रहूँगा। एसएसपी साहब ने समझाया कि जीवन बदल सकता है। अब मैं अपने परिवार का पेट ईमानदारी से पालूंगा।”
अमजद का यह कदम न केवल उसके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्पद है। जशपुर पुलिस का यह प्रयास जिले में सामाजिक सौहार्द, सकारात्मक परिवर्तन और अपराध मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि यह कम्युनिटी पुलिसिंग का उदाहरण है और भविष्य में भी ऐसे पुनर्वास प्रयास जारी रहेंगे।




