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कोयला तस्करी और बलात्कार के आरोपी निखिल चंद्राकर का गिरोह बेखौफ, पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोयला तस्करी और बलात्कार जैसे संगीन मामलों के आरोपी निखिल चंद्राकर के गिरोह का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जेल में बंद निखिल चंद्राकर की गैरमौजूदगी में उसकी कुख्यात अपराधी पत्नी तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की जो की संज्ञेय अपराधिक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर संलिप्त रहती है ने गिरोह का संचालन संभाल लिया है। आरोप है कि यह गिरोह खम्हारडीह थाना क्षेत्र में एक पीड़ित परिवार का घर कब्जा कर लिया है जिसमें तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की, इशिता उर्फ हनी चंद्राकर, स्पर्श गुप्ता, उम्मीदा बानो एवं अंजु मोदी द्वारा घर कब्जा किया जा रहा है।

उसके बाद पीड़िता के साथ 25 से 30 गिरोह के सदस्यों द्वारा हत्या का प्रयास किया गया जिसमें मुख्य भूमिका में तलविंदर चंद्राकर, इशिता उर्फ हनी चंद्राकर, निधि गुप्ता रवनीत कौर राजीव गुप्ता स्पर्श गुप्ता सोनू गरचा मोनू गरचा एवं उसकी पत्नी मुख्य भूमिका में संलिप्त थे। पीड़िता का मारते हुए वीडियो बनाकर वायरल किया गया और 24 घंटे पीड़िता के घर के बाहर तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कर उसके निजता का हनन किया जाता है एवं कैमरे के माध्यम से पीड़िता की फोटो खींचकर वायरल किया जाता है।

पीड़ित परिवार के मुताबिक, उनके घर को जबरन कब्जा करने के मामले में पुलिस की भूमिका बेहद संदिग्ध रही है। तत्कालीन थाना प्रभारी विजय यादव ने 2 साल पहले पीड़ित की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। प्रभारी के तबादले के बाद श्रुति सिंह ने थाने का चार्ज संभाला, लेकिन उन्होंने भी आरोपियों का सहयोग करते हुए बैक डेट में पीड़ित के खिलाफ शिकायत दर्ज कर पीड़िता को मानसिक प्रताड़ना भी दी।

पुलिस का रवैया, प्रश्नों के घेरे में है और अपराधियों से ही मिली भगत कर पीड़िता को न्याय से २ साल से अब तक वंचित रखा गया है। गिरोह की मुख्य सदस्य तलविंदर चंद्राकर, उसकी बेटी इशिता चंद्राकर उर्फ हनी और उनके साथी स्पर्श गुप्ता, जो होटल कोर्टयार्ड मैरियट में काम करने वाले राजीव गुप्ता का बेटा है, पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस की उपस्थिति में पीड़ित परिवार के घर पर कब्जा किया।

क्या कांग्रेस कार्यकाल की पीड़िता को बीजेपी शासन काल में मिलेगा न्याय?

यह मामला राजधानी रायपुर में पुलिस की कार्यप्रणाली और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या पुलिस आरोपी गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करेगी? या पीड़ित परिवार को इसी तरह मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी? छत्तीसगढ़ की राजधानी में कानून-व्यवस्था के इस हालात ने लोगों के बीच गहरी निराशा और आक्रोश पैदा कर दिया है। अब देखना होगा कि क्या सरकार और प्रशासन पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए कोई कदम उठाते हैं, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। यह वीडियो पुलिस विभाग के एक न्याय प्रिय सूत्रों द्वारा प्राप्त किया गया है जो की पीड़िता को न्याय मिलते हुए देखना चाहते हैं।

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