
रायपुर। शासकीय भूमि पर अवैध रूप से संचालित होटल कोर्टयार्ड मैरियट को बचाने के लिए प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुका है। शिकायतों के बावजूद न केवल कार्रवाई टाली जा रही है, बल्कि अब तहसीलदार और पटवारी की मिलीभगत से खसरा नंबर को भू-नक्शे से गायब करने और उसकी क्वालिटी बदलकर रिकॉर्ड में हेरफेर की साजिश रची जा रही है।
होटल का मैनेजर राजीव गुप्ता सिर्फ अवैध कब्जे का लाभार्थी नहीं, बल्कि अन्य अवैध गतिविधियों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। संघ के एक प्रतिनिधि को राजीव गुप्ता ने खुलेआम धमकी देते हुए कहा कि “प्रशासन हमारी जेब में है, हम आधी रात को भी सरकारी रिकॉर्ड बदलवा सकते हैं। आप लोग जितना जोर लगाना चाहें, लगा लें, लेकिन कुछ नहीं कर पाएंगे।” यह बयान प्रशासन और होटल प्रबंधन की गहरी सांठगांठ का स्पष्ट प्रमाण है।
होटल मैनेजर का दावा – कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता
होटल कोर्टयार्ड मैरियट के मैनेजर राजीव गुप्ता ने सख्त लहजे में कहा कि पूर्व कलेक्टर रायपुर का भी इसमें निवेश है, इसलिए होटल का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी मुद्दे हैं, उन्हें अपने स्तर पर निपटा लिया जाएगा।
क्या इसलिए प्रशासन खामोश है?
यह कोई साधारण मामला नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है, जहां सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर अपराध को वैधता देने का प्रयास किया जा रहा है। यदि यही अवैध कब्जा किसी गरीब का होता, तो प्रशासन 24 घंटे में बुलडोजर चला चुका होता। लेकिन यहां 16,000 वर्गफुट में अवैध रूप से बने सात मंजिला फाइव स्टार होटल को बचाने के लिए पूरा प्रशासनिक तंत्र लगा हुआ है।
संघ की खुली चेतावनी – कलेक्टर ऑफिस का घेराव तय!
भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस अवैध कब्जे को बचाने के लिए खसरे में हेरफेर किया गया, तो संघ कलेक्टर ऑफिस का घेराव करेगा। यह अब केवल एक अवैध निर्माण का मामला नहीं, बल्कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार, सत्ता संरक्षण और संगठित अपराध का बड़ा उदाहरण बन चुका है।
संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जल्द से जल्द इस होटल पर बुलडोजर नहीं चला और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र जनआंदोलन किया जाएगा। अब देखना यह है कि प्रशासन कानून के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएगा या भ्रष्टाचार के सामने घुटने टेक चुका है?




