रायपुर। राजधानी रायपुर में अपराध का ग्राफ दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। जहां एक ओर पुलिस प्रशासन अपराध नियंत्रण और आमजन की सुरक्षा के दावे करता है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के बीच से कुछ पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों को ताक पर रखकर न सिर्फ वर्दी की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं, बल्कि समाज में भय और अविश्वास का वातावरण भी पैदा कर रहे हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने न केवल पुलिस विभाग की छवि को ठेस पहुंचाई है, बल्कि पूरे शहर को सकते में डाल दिया है।
यह शर्मनाक प्रकरण राजधानी रायपुर के एक अर्दली आरक्षक से जुड़ा है, जो कथित रूप से लंबे समय से देह व्यापार जैसे घिनौने और अवैध कारोबार में संलिप्त था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब रायपुर टाइमलाइन न्यूज़ के हाथ एक आपत्तिजनक वीडियो लगा, जिसमें आरोपी आरक्षक इस अवैध धंधे का संचालन करते हुए साफ नजर आ रहा है। वीडियो में आरक्षक न केवल इस गोरखधंधे की निगरानी करते हुए दिखाई देता है, बल्कि ग्राहकों और महिलाओं के बीच मध्यस्थता (दलाली) करता भी साफ देखा गया है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होते ही शहर में हड़कंप मच गया और आम लोगों में आक्रोश की लहर दौड़ गई।
जनता में आक्रोश, पुलिस पर उठे सवाल
वीडियो के वायरल होते ही आम नागरिकों ने पुलिस प्रशासन से कड़े सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय नागरिक मंचों पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोगों का कहना है कि जब कानून की रखवाली करने वाला ही कानून तोड़ने लगे, तो आम जनता किससे सुरक्षा की उम्मीद करे? खास बात यह है कि इस पूरे मामले को लेकर अब तक पुलिस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे लोगों में असंतोष और बढ़ गया है।
लंबे समय से कर रहा था अवैध कारोबार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी अर्दली आरक्षक पिछले कई महीनों से देह व्यापार के इस काले कारोबार को अंजाम दे रहा था। वह रायपुर के विभिन्न इलाकों में फ्लैट और लॉज किराए पर लेकर इस अवैध गतिविधि को संचालित करता था। उसकी भूमिका केवल स्थान उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह ग्राहकों से संपर्क कर उन्हें महिलाओं से मिलवाने, समय तय करने और पैसा वसूलने तक हर काम में सक्रिय रूप से शामिल था।पुलिस विभाग में भी मिलीभगत?इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि प्रारंभिक जांच में कुछ अन्य पुलिसकर्मियों और प्रभावशाली स्थानीय लोगों की मिलीभगत की भी बात सामने आ रही है।
बताया जा रहा है कि आरोपी आरक्षक को संरक्षण देने वाले लोग खुद भी पुलिस विभाग से जुड़े हुए हैं, जो इस नेटवर्क को न केवल बढ़ावा दे रहे थे, बल्कि कार्रवाई से बचाने में भी मदद कर रहे थे। स्थानीय लोगों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह कोई एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि रायपुर शहर में देह व्यापार के नाम पर चल रहे ऐसे कई संगठित नेटवर्क हैं, जो पुलिस की जानकारी में होते हुए भी खुलेआम फल-फूल रहे हैं।




