अस्पतालों में लोकल खरीदी के लिए अब ऑफलाइन एनओसी
खबर का असर-लोकल पर्चेस में गड़बडिय़ां रोकने की कवायद रायपुर (जसेरि) राज्य के सरकारी अस्पतालों में लोकल पर्चेस के नाम पर हो रही गड़बडिय़ों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबद्ध अस्पतालों में स्थानीय स्तर पर दवा उपकरण आदि खरीदने के लिए सरकारी दवा क्रेता और उपकरण कंपनी सीजीएमएससी ने पहली बार एनओसी के सिस्टम में बदलाव का फैसला किया है। इसके तहत अब अस्पतालों को लोकल पर्चेस के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र ऑफलाइन मोड पर मिलेगा। दरअसल, पहले अस्पताल, सीएचएमओ कार्यालय या अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्थाएं ऑफलाइन मोड पर अनापत्ति सर्टिफिकेट ले लेती थीं। इसके लिए वो सीजीएमएससी के दवा स्टोरों में ऑफलाइन रिकॉर्ड देखकर जीरो स्टॉक के आधार पर एनओसी सर्टिफिकेट हासिल कर लेते थे।
जबकि किसी न किसी स्टोर में ये दवा स्टॉक में रहती थी। स्थानीय स्तर पर ली गई इन दवाओं में अक्सर गुणवत्ता में कमी की शिकायत आती थी। क्योंकि दवाओं की सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के आधार पर क्वालिटी चैक नहीं हो पाता था। इससे लाखों करोड़ों की दवाएं आगे चलकर बर्बाद भी हो रही थी। सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई साहू के अनुसार स्थानीय स्तर पर दवा उपकरण आदि की खरीद के लिए अब ऑफलाइन एनओसी जारी की जाएगी। ताकि गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपकरण अस्पतालों को उपलब्ध करवाए जा सके। स्टॉक में दवाएं यदि रहीं तो वहां से आसानी से जल्दी उपलब्ध करवाई जाएगी।
48 घंटे के अंदर मिलेगी एनओसी-नए सिस्टम के मुताबिक अब किसी भी सरकारी संस्था अस्पताल को लोकल पर्चेस के लिए सीजीएमएससी एमडी कार्यालय से ऑफलाइन अनुमति लेनी होगी। सीजीएमएससी के दफ्तर में एनओसी का आवेदन आने के बाद यहां अफसर जिलों के हर स्टोर में मांगी गई दवाओं की उपलब्धता को चेक करेंगे। अगर किसी भी जिले के स्टोर में उस दवा का स्टॉक होगा तो वहां से सीधे संबंधित अस्पताल या संस्था को दवा उपलब्ध करवा दी जाएगी। वहीं अगर दवा उपलब्ध नहीं रही तो ऐसी सूरत में स्थानीय खरीद के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र 48 घंटे में मिलेगा। साथ ही जिन दवाओं की खरीद के लिए अनुमति मांगी गई है। उसका निर्धारित मापदंड के मुताबिक क्वॉलिटी चैक भी होगा। मिली जानकारी के मुताबिक सीजीएमएससी में जल्द ही रीएजेंट की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी शुरु की जा रही है। इसके जरिए ये देखा जाएगा कि कहां स्टॉक में कमी है। कहां स्टॉक जरूरत से ज्यादा है। इसके जरिए ओवर पर्चेस को भी रोका जा सकेगा।




